आज के डिजिटल युग में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) तकनीकी क्रांति का अग्रणी स्तंभ बन चुकी है। भारत, अपनी विशाल प्रतिभा पूल, डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, विश्व के AI परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, AI 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग $500 बिलियन का योगदान दे सकती है, जो इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाता है ।
यह ब्लॉग पोस्ट भारत में AI के भविष्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करती है, जिसमें सरकारी पहल, रोजगार के अवसर, और विभिन्न क्षेत्रों में इसकी संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। हम स्टार्टअप इकोसिस्टम, चुनौतियों और उनके समाधानों, तथा 2030 तक के भविष्य के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डालेंगे।
भारत में AI का वर्तमान परिदृश्य
भारत AI अपनाने में वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है, जहां 30% भारतीय उद्यम वैश्विक औसत की तुलना में AI को अपना रहे हैं। कैपजेमिनी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 85% भारतीय संगठनों ने AI के उपयोग से नैतिक चिंताओं का सामना किया है, जो इस प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रभाव को दर्शाता है।
भारत में AI का वर्तमान परिदृश्य कई प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोगों के साथ विकसित हो रहा है, जिनमें स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट शहर और परिवहन शामिल हैं। NITI आयोग द्वारा चिह्नित इन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में AI का उपयोग वास्तविक समय के डेटा विश्लेषण, स्वचालन और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने के लिए किया जा रहा है।
सरकारी पहल
IndiaAI मिशन
भारत सरकार ने 7 मार्च 2024 में “IndiaAI मिशन” लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य AI नवाचार को बढ़ावा देने वाले एक व्यापक इकोसिस्टम का निर्माण करना है। इस मिशन के लिए पांच वर्षों में ₹10,300 करोड़ का कुल परिव्यय आवंटित किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के लिए IndiaAI मिशन हेतु ₹2,000 करोड़ स्वीकृत किए हैं, जो मिशन के कुल फंड का लगभग पांचवां हिस्सा है।
IndiaAI मिशन के प्रमुख स्तंभ हैं:
- इंडियाएआई कंप्यूट क्षमता(IndiaAI Compute Capacity)
- इंडियाएआई इनोवेशन सेंटर(IndiaAI Innovation Centre)
- इंडियाएआई डेटासेट प्लेटफॉर्म(IndiaAI Datasets Platform)
- इंडियाएआई एप्लीकेशन डेवलपमेंट पहल(IndiaAI Application Development Initiative)
- इंडियाएआई फ्यूचरस्किल्स(IndiaAI FutureSkills)
- इंडियाएआई स्टार्टअप फाइनेंसिंग(IndiaAI Startup Financing)
- सुरक्षित और विश्वसनीय AI(Safe & Trusted AI)
NITI आयोग की रणनीतियाँ
NITI आयोग ने “राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति” (National Strategy for Artificial Intelligence) विकसित की है, जो पांच प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:
- स्वास्थ्य सेवा – पहुंच, वहनीयता, गुणवत्ता और शीघ्र निदान में सुधार
- कृषि – उत्पादकता, आपूर्ति श्रृंखला दक्षता और फसल-संबंधित परिणामों की भविष्यवाणी
- शिक्षा – सीखने के परिणामों में सुधार और स्मार्ट, अनुकूली सीखने के वातावरण का निर्माण
- स्मार्ट शहर और बुनियादी ढांचा – भीड़भाड़, सार्वजनिक सुरक्षा और सेवा वितरण सहित शहरीकरण की चुनौतियों का समाधान
- स्मार्ट गतिशीलता और परिवहन – भीड़भाड़ को कम करना, यातायात प्रबंधन में सुधार और बुद्धिमान परिवहन प्रणालियों का विकास
इसके अतिरिक्त, NITI आयोग ने “जिम्मेदार AI” (Responsible AI) पर एक रूपरेखा भी विकसित की है, जो AI के नैतिक और जिम्मेदार विकास के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों पर केंद्रित है।
अन्य सरकारी पहल
सरकार ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि और टिकाऊ शहरों में AI के उत्कृष्टता केंद्र (Centers of Excellence) स्थापित किए हैं। इसके अलावा, बिल गेट्स फाउंडेशन के साथ भारत AI मिशन का एक समझौता ज्ञापन स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा और जलवायु लचीलापन में AI नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
विभिन्न क्षेत्रों में AI अनुप्रयोग
कृषि
भारतीय कृषि AI द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रही है, जो पारंपरिक प्रथाओं से सटीक खेती की ओर बढ़ रही है। AI समाधान किसानों को वास्तविक समय के डेटा और स्वचालन के साथ सशक्त बना रहे हैं, जो अनिश्चित मौसम और श्रम की कमी जैसी चुनौतियों का समाधान करते हैं।
विशिष्ट अनुप्रयोगों में शामिल हैं:
- सटीक खेती – ड्रोन, सेंसर और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करके सिंचाई, उर्वरक और कीट नियंत्रण का अनुकूलन
- फसल रोग पहचान – न्यूरल नेटवर्क और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम जो एप्पल स्कैब और गेहूं में पीला रस्ट जैसे रोगों का पता लगाते हैं
- स्वचालित खरपतवार नियंत्रण – कंप्यूटर विज़न का उपयोग करके फसलों और खरपतवारों के बीच अंतर करना और चयनात्मक कीटनाशक अनुप्रयोग
- पशुधन स्वास्थ्य निगरानी – सेंसर-आधारित प्रणालियों और छवि पहचान का उपयोग करके वास्तविक समय की स्वास्थ्य निगरानी
स्वास्थ्य सेवा
AI भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बदल रही है, जो निदान में सुधार, उपचार अनुकूलन और स्वास्थ्य सेवा पहुंच में वृद्धि कर रही है। AI-संचालित समाधान चिकित्सा इमेजिंग विश्लेषण, निदान मदद, और दवा खोज प्रक्रियाओं को तेज कर रहे हैं।
AI अनुप्रयोग बड़े डेटासेट का विश्लेषण करके स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का समर्थन कर रहे हैं, पैटर्न का पता लगा रहे हैं, दवा खोज में सुधार कर रहे हैं, और अनुसंधान को तेज कर रहे हैं।
शिक्षा
AI शिक्षा क्षेत्र में अनुकूली शिक्षण प्लेटफॉर्म, व्यक्तिगत शिक्षण पाठ्यक्रम, और स्वचालित मूल्यांकन प्रणालियों के माध्यम से क्रांति ला रही है। AIE के एक सर्वेक्षण के अनुसार, AI-संचालित शिक्षण उपकरण 23% अधिक प्रभावी सिद्ध हुए हैं और छात्रों के प्रदर्शन में 18% की वृद्धि दिखाई है।
शिक्षा मंत्रालय ने AI में उत्कृष्टता के लिए तीन केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है, जिनमें से एक शिक्षा पर केंद्रित है, जो भारत में AI शिक्षा को मजबूत करने के लिए ₹500 करोड़ का आवंटन है।
स्मार्ट शहर और बुनियादी ढांचा
भारत के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत, AI शहरी नियोजन, यातायात प्रबंधन, ऊर्जा उपयोग अनुकूलन, और सार्वजनिक सुरक्षा को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। AI-संचालित सिस्टम वास्तविक समय में यातायात की भीड़ का विश्लेषण करते हैं, स्ट्रीट लाइट नियंत्रित करते हैं, और अपराध की भविष्यवाणी करने में मदद करते हैं।
आंध्र प्रदेश ने हाल ही में AI-संचालित सलाहकार प्लेटफॉर्म और सैटेलाइट-आधारित सटीक खेती प्रणालियों को पेश करने के लिए एक योजना की घोषणा की है, जो संसाधन प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए है।
नौकरी बाजार और कौशल आवश्यकताएँ
नौकरी विकास अनुमान
बेन एंड कंपनी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2027 तक 2.3 मिलियन से अधिक AI-संबंधित नौकरियां खुलने का अनुमान है। हालांकि, चिंताजनक तथ्य यह है कि इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत में कुशल कार्यबल की कमी है, जिससे एक मिलियन से अधिक रिक्त पदों का अंतर पैदा हो रहा है।
AI-संबंधित जॉब पोस्टिंग 2019 से हर साल 21% की दर से बढ़ी हैं, जो इस क्षेत्र के तेजी से विकास को दर्शाती है।
2025 में, भारत के नौकरी बाजार में AI/ML भूमिकाओं में 36% की वृद्धि देखी जा रही है, जो इस क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करती है।
मांग में कौशल
AI की भूमिकाओं के लिए प्रमुख कौशल में शामिल हैं:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता में तकनीकी विशेषज्ञता
- डेटा साइंस और विश्लेषण
- मशीन लर्निंग
- नेतृत्व क्षमताएं
- टीम प्रबंधन कौशल
इसके अलावा, AI-संचालित कार्यस्थल में डिजिटल परिवर्तन और रणनीतिक निर्णय लेने में सक्षम पेशेवरों की मांग बढ़ रही है।
वेतन रुझान
AI पेशेवरों के लिए वेतन रुझान में समग्र वार्षिक वेतन वृद्धि 11% है। अपस्किलिंग के विशिष्ट प्रभावों में शामिल हैं:
- प्रारंभिक-करियर पेशेवरों (0-3 वर्ष) के लिए 139% वेतन वृद्धि
- मध्य-करियर पेशेवरों (3-8 वर्ष) के लिए 93% वृद्धि
- 8-12 वर्षों के अनुभव वाले लोगों के लिए 50% बढ़ोतरी
- 12 साल से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पेशेवरों के लिए 41% वृद्धि
प्रवेश स्तर पर, भारत में एक AI इंजीनियर का वेतन लगभग ₹5,00,000 प्रति वर्ष है। मध्य स्तर के पेशेवर लगभग ₹10,00,000 प्रति वर्ष कमाते हैं।
जनरेटिव AI में प्रवेश स्तर पर, पेशेवर ₹6 लाख से ₹12 लाख प्रति वर्ष के बीच प्रारंभिक वेतन की उम्मीद कर सकते हैं।
भारत में AI स्टार्टअप इकोसिस्टम
स्टार्टअप परिदृश्य
भारत में 100 से अधिक जनरेटिव AI स्टार्टअप हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं:
- LLM मॉडल – बड़े भाषा मॉडल और इंडिक LLM विकसित करने पर ध्यान केंद्रित
- कोड और डेटा – कोडिंग, डेटा प्रबंधन और स्वचालन के लिए प्लेटफॉर्म और समाधान प्रदान करना
- टेक्स्ट और चैटबॉट – स्वचालित टेक्स्ट इंटरैक्शन के माध्यम से ग्राहक और परिचालन सहायता बढ़ाना
- ऑडियो और वीडियो – ऑडियो और वीडियो प्रोसेसिंग में अभिनव समाधान प्रदान करना
- इमेज जनरेशन और एडिटिंग – उन्नत इमेज जनरेशन और एडिटिंग क्षमताएं सक्षम करना
इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश
प्रमुख तकनीकी कंपनियां भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही हैं:
- माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिए $3 बिलियन के निवेश की घोषणा की है।
- अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS) ने क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र में $8.2 बिलियन का निवेश करने की योजना बनाई है।
- NTT DATA ने भी भारत में डेटा सेंटर और AI में अरबों डॉलर के निवेश की घोषणा की है, जो डिजिटल भविष्य को तेज करने के लिए है।
चुनौतियां और समाधान
AI अपनाने की चुनौतियां
भारत में AI अपनाने के लिए प्रमुख चुनौतियां हैं:
- सक्षम डेटा इकोसिस्टम की कमी – क्यूरेटेड और एनोटेटेड डेटा तक अपर्याप्त पहुंच
- AI अनुसंधान की कम तीव्रता – मूलभूत अनुसंधान और बाजार-तैयार अनुप्रयोगों में परिवर्तन दोनों में
- AI विशेषज्ञता की अपर्याप्त उपलब्धता – कुशल जनशक्ति की कमी और सीमित अंतःविषय प्रशिक्षण
- कम जागरूकता के साथ उच्च संसाधन लागत – कम्प्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की महत्वपूर्ण लागत और व्यापार प्रक्रियाओं में सीमित जागरूकता
- अस्पष्ट गोपनीयता, सुरक्षा और नैतिक नियम – मजबूत डेटा गोपनीयता, सुरक्षा फ्रेमवर्क और नैतिक दिशानिर्देशों का अभाव NITI Aayog7
प्रस्तावित समाधान
NITI आयोग ने चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई ठोस समाधान प्रस्तावित किए हैं:
- अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करना – मूलभूत AI अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र (COREs) और अनुप्रयोग-आधारित परियोजनाओं के लिए ट्रांसफॉर्मेशनल AI के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICTAIs) स्थापित करना।
- मूलभूत डेटा इकोसिस्टम का निर्माण – बड़े एनोटेटेड डेटासेट बनाने के लिए सह-वित्तपोषण पहल और निष्पक्ष डेटा आदान-प्रदान और मूल्य खोज सुनिश्चित करने के लिए विकेंद्रीकृत, ब्लॉकचेन-आधारित डेटा मार्केटप्लेस स्थापित करना।
- क्रॉस-सेक्टर और उद्योग भागीदारी को सुविधाजनक बनाना – अंतःविषय अनुसंधान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग और सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना।
- अपनाने के फ्रेमवर्क को तेज करना – प्रवेश बाधाओं को कम करने और समाधान विकास को सुव्यवस्थित करने के लिए डेटा, डेटा एनोटेशन और तैनात मॉडल मॉड्यूल में विभाजित एक मल्टी-स्टेकहोल्डर नेशनल AI मार्केटप्लेस (NAIM) बनाना।
- स्किलिंग और रिस्किलिंग पहल को बढ़ाना – वर्तमान कार्यबल को अपस्किल करने और छात्रों को नई-युग AI क्षमताओं के साथ तैयार करने के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन और शैक्षिक कार्यक्रम विकसित करना। NITI Aayog7
नैतिक फ्रेमवर्क
भारत में जिम्मेदार AI के लिए प्रमुख सिद्धांत हैं:
- मानव-केंद्रित विकास – सुनिश्चित करना कि AI सिस्टम मानव क्षमताओं को बढ़ाने और मानव कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं
- पारदर्शिता और स्पष्टता – सुनिश्चित करना कि AI प्रक्रियाएं खुली, समझने योग्य हैं और निर्णय-निर्माण तर्क का ऑडिट किया जा सकता है
- निष्पक्षता और गैर-भेदभाव – ऐसे सिस्टम डिज़ाइन करना जो सक्रिय रूप से पक्षपात को खत्म करने और भेदभावपूर्ण परिणामों से बचने के लिए काम करते हैं
- जवाबदेही – AI सिस्टम द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदारी की स्पष्ट रेखाएं स्थापित करना, निवारण के तंत्र के साथ
- मजबूती और सुरक्षा – सुनिश्चित करना कि AI सिस्टम त्रुटियों या बाहरी हमलों के खिलाफ सुरक्षित, विश्वसनीय और लचीले हैं
भविष्य का दृष्टिकोण
विजन 2030
भारत का लक्ष्य 2030 तक AI के क्षेत्र में शीर्ष तीन देशों में से एक बनना है। भारत की दृष्टि “AI फॉर ऑल” है, जो जिम्मेदार और नैतिक AI अपनाने को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक नैतिक मानकों के साथ संरेखित है।
2030 तक, AI के भारतीय अर्थव्यवस्था में $1.5 ट्रिलियन जोड़ने का अनुमान है, जो एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर दर्शाता है।
रोजगार पर प्रभाव
AI अपनाने से 2030 तक 38 मिलियन नौकरियों के बदलने का अनुमान है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में 2.61% उत्पादकता बढ़ावा देगा।
हालांकि, AI के प्रभाव पर मतभेद हैं। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि AI भारत में ‘व्हाइट-कॉलर’ नौकरियों के 40-50% को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से IT और BPO क्षेत्रों में।
दूसरी ओर, आर्थिक सर्वेक्षण का अनुमान है कि कौशल विकास भारतीयों को नई AI-संचालित अर्थव्यवस्था में नौकरियों के लिए तैयार कर सकता है।
निष्कर्ष
भारत में AI का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल और परिवर्तनकारी दिखाई देता है। सरकारी पहल, निजी क्षेत्र के निवेश, और बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ, भारत वैश्विक AI क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अच्छी तरह से स्थित है।
हालांकि, इस संभावना को पूरी तरह से साकार करने के लिए, हमें प्रमुख चुनौतियों – डेटा की गुणवत्ता, प्रतिभा की कमी, अपर्याप्त कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, और नैतिक दिशानिर्देशों की आवश्यकता – का समाधान करना होगा।
AI के जिम्मेदार और समावेशी विकास के साथ, भारत अपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था को आकार देने, अरबों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने, और 2030 तक एक AI सुपरपावर बनने के अपने दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है।
यह समय है कि छात्र, पेशेवर, उद्यमी और नीति निर्माता सभी इस AI क्रांति का हिस्सा बनें – अपस्किलिंग के माध्यम से, नवाचार को अपनाने के द्वारा, और AI के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देकर – एक समृद्ध, अधिक समावेशी और तकनीकी रूप से उन्नत भारत का निर्माण करने के लिए।
Artificial intelligence (AI): परिचय, प्रकार, अनुप्रयोग और भविष्य