Artificial intelligence (AI): परिचय, प्रकार, अनुप्रयोग और भविष्य

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परिचय और परिभाषा

Artificial intelligence (AI) या कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक ऐसी तकनीक है जिसमें मशीनें मानव जैसी संज्ञानात्मक क्रियाएँ जैसे सोचना, समझना, सीखना, समस्या समाधान करना और निर्णय लेना कर सकती हैं। यह मानव और अन्य जंतुओं द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक बुद्धि के विपरीत मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धि है।

कंप्यूटर विज्ञान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ‘इंटेलिजेंट एजेंट’ के अध्ययन के रूप में माना जाता है। Andreas Kaplan और Michael Haenlein के अनुसार, AI ऐसी प्रणाली है जो बाहरी डेटा को सही ढंग से व्याख्या करने, उससे सीखने और सीखी हुई चीजों का प्रयोग करके लक्ष्य पूरे करने में सक्षम होती है ।

Artificial intelligence का इतिहास

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास कई महत्वपूर्ण चरणों से होकर गुजरा है:

प्रारंभिक दौर (1950s-1960s)

  • 1943 में प्रारंभिक कृत्रिम न्यूरॉन्स के डिजाइन से AI की नींव रखी गई
  • 1950 में एलन ट्यूरिंग ने “Computing Machinery & Intelligence” नामक लेख में ट्यूरिंग टेस्ट की अवधारणा प्रस्तुत की
  • 1956 में जॉन मैकार्थी ने डार्टमथ सम्मेलन में पहली बार ‘Artificial Intelligence’ शब्द का प्रयोग किया और इसे “विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के द्वारा बुद्धिमान मशीनों के निर्माण” के रूप में परिभाषित किया

शुरुआती उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ (1970s-1980s)

  • इस दौर में Expert Systems का विकास हुआ
  • तकनीकी सीमाओं और जटिल समस्याओं के कारण AI का विकास धीमा हुआ
  • इस अवधि को “AI Winter” भी कहा जाता है जब AI के प्रति उत्साह में कमी आई

मशीन लर्निंग और डेटा आधारित तकनीक (1990s)

  • Rule-based सिस्टम्स से हटकर बड़े डेटा सेट्स पर आधारित मशीन लर्निंग को अपनाया गया
  • इससे AI अधिक लचीला और सक्षम बना

डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क्स का युग (2000s-2010s)

  • मल्टी-लेयर्ड न्यूरल नेटवर्क्स और Deep Learning तकनीकों का विकास
  • इसने इमेज रिकग्निशन, भाषा प्रसंस्करण और अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी प्रगति की

जनरेटिव AI और वर्तमान (2020s)

  • GPT जैसे मॉडल ने भाषा की समझ और निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति की है
  • AI के क्षेत्र में मशीनें इंसानों के समान रचनात्मक कार्य करने में सक्षम हुई हैं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

AI को मुख्यतः चार प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (प्योरली रिएक्टिव)

यह AI सिर्फ वर्तमान स्थिति के आधार पर प्रतिक्रिया करता है और पिछले अनुभवों को नहीं रखता। उदाहरण: IBM का Deep Blue जो शतरंज खेलता है

सीमित स्मृति (लिमिटेड मेमोरी)

इस प्रकार के AI में पिछले अनुभवों का संग्रह होता है और उनके आधार पर निर्णय लेते हैं। उदाहरण: सेल्फ-ड्राइविंग कारें

मस्तिष्क सिद्धांत (ब्रेन थ्योरी)

यह AI मानव मस्तिष्क के कार्य करने के तरीके का अनुकरण करता है। इसका अर्थ है कि यह समझता है कि अन्य कैसे सोचते हैं

आत्म-चेतन (सेल्फ कॉन्ससियस)

इस प्रकार के AI में मशीनों में स्वयं की चेतना होती है। यह अभी तक विकसित नहीं हुआ है और अधिकतर सैद्धांतिक है

अन्य वर्गीकरण में, AI को दो मुख्य दृष्टिकोणों में विभाजित किया जाता है:

  1. प्रतीकात्मक AI (Symbolic AI या GOFAI): यह नियमों, तार्किक प्रक्रियाओं और प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व पर आधारित है।
  2. कनेक्शनवादी दृष्टिकोण: इसमें न्यूरल नेटवर्क्स और मशीन लर्निंग शामिल हैं, जो मानव मस्तिष्क के कार्य करने के तरीके की नकल करते हैं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग

AI का उपयोग अनेक क्षेत्रों में किया जाता है:

स्वास्थ्य देखभाल (Healthcare)

  • रोगों का निदान और दवा की खोज
  • मरीजों का स्क्रीनिंग
  • मेडिकल इमेजिंग और एक्स-रे, एमआरआई की व्याख्या
  • उदाहरण: Billiscreen ऐप, NuMedii, GNS हेल्थकेयर

गेमिंग (Gaming)

  • शतरंज, पोकर, और टिक-टैक-टो जैसे रणनीतिक खेलों में AI
  • गेम प्लेइंग और विश्लेषण
  • उदाहरण: IBM के Deep Blue, Google का AlphaGo

प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing)

  • अनुवाद सेवाएं
  • वॉइस असिस्टेंट
  • टेक्स्ट सारांशीकरण

विशेषज्ञ प्रणाली (Expert Systems)

  • विशेषज्ञ ज्ञान आधारित निर्णय लेने वाली प्रणालियाँ
  • जटिल प्रश्नों के उत्तर और समस्या-समाधान

विज़न सिस्टम (Vision Systems)

  • इमेज इनपुट का विश्लेषण
  • उदाहरण: जासूसी, नैदानिक परीक्षण, और अपराधी पहचान

वाक् पहचान (Speech Recognition)

  • विभिन्न लहजे, शोर और बोलचाल की भाषा पहचान
  • पाठ से वाणी और वाणी से पाठ रूपांतरण

बुद्धिमान रोबोट (Intelligent Robots)

  • स्वायत्त कार्य करने वाले रोबोट
  • सेंसर और प्रोसेसर से सुसज्जित जो सीख सकते हैं

सेल्फ ड्राइविंग कार (Self-Driving Cars)

  • बिना ड्राइवर के वाहन संचालन
  • उदाहरण: Tesla और अन्य मोटर वाहन कंपनियों के मॉडल

डाटा की सुरक्षा (Data Security)

  • साइबर हमलों से सुरक्षा
  • AI आधारित बोट्स और प्लेटफार्म जो सुरक्षा जोखिमों का पूर्वानुमान और प्रबंधन करते हैं
  • उदाहरण: AEG और MIT के AI2 प्लेटफार्म

बैंकिंग और वित्त

  • क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी का पता लगाना
  • ऑनलाइन बैंकिंग सुविधा में सुधार
  • स्टॉक ट्रेडिंग और बाजार विश्लेषण

शिक्षा

  • स्मार्ट कंटेंट
  • असाइनमेंट ग्रेडिंग
  • ऑनलाइन अध्ययन सामग्री
  • वर्चुअल कक्षाएं

कृषि

  • फसल उत्पादन और खरपतवार नियंत्रण
  • रोबोटिक्स और कंप्यूटर विज़न का प्रयोग

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे

AI से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

निरंतरता

  • AI बिना थके 24/7 काम कर सकता है

ऑटोनॉमस संचालन

  • सेल्फ-ड्राइविंग कारें एवं अन्य स्वचालित प्रणालियाँ AI के फीचर्स का उदाहरण हैं

दक्षता में वृद्धि

  • विभिन्न क्षेत्रों में AI का उपयोग कार्यों को तेज एवं सटीक बनाता है

स्वास्थ्य और चित्रण

  • X-ray, MRI आदि में AI आधारित तकनीकें बेहतर निदान में सहायक सिद्ध होती हैं

मानवीय त्रुटियों में कमी

  • AI रोबोट मानवीय त्रुटियों को कम करते हैं और सटीक परिणाम देते हैं

विविध अनुप्रयोग

  • कंप्यूटर गेमिंग, IoT, और Data Science जैसे क्षेत्रों में उपयोग

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान और चुनौतियां

AI के विकास और उपयोग में कई चुनौतियां और कमियां भी हैं:

लागत और निरंतर अपडेट

  • एआई तकनीक को निरंतर अपडेट रखने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के साथ-साथ मशीनों के मरम्मत और रखरखाव पर भारी खर्च आता है

डेटा निर्भरता

  • एआई सिस्टम की सटीकता में इस्तेमाल किए गए डेटा की मात्रा और गुणवत्ता का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है; कम डेटा से गलत निर्णय लेने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं

पक्षपात और निष्पक्षता के मुद्दे

  • AI सिस्टम में निर्णय लेने की प्रक्रिया में पक्षपात समाहित हो सकता है

गोपनीयता एवं सुरक्षा

  • AI आधारित एप्लिकेशन्स में डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा की चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं

रोजगार पर प्रभाव

  • पारंपरिक नौकरियों पर AI के कारण नकारात्मक प्रभाव हो सकता है

मानवीय नियंत्रण का ह्रास

  • अत्यधिक निर्भरता से मानव नियंत्रण कमजोर पड़ सकता है
  • सोच-समझकर काम करने वाले रोबोट किसी हालात में इंसानों को खतरे के रूप में पहचानने लगें, तो यह मानव सभ्यता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है

रक्षा क्षेत्र में जटिलताएँ

  • एआई आधारित सैनिक या रोबोट बनाने की कोशिश में, यदि मशीन में कोई त्रुटि होती है तो उसके घातक परिणाम हो सकते हैं

भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास

भारत में AI का विकास तेजी से हो रहा है। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:

AI इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुदृढ़ीकरण

  • सरकार 18,693 GPUs के साथ उच्च क्षमता वाले कंप्यूटिंग केंद्र स्थापित कर रही है
  • 3-5 वर्षों के भीतर अपना स्वयं का GPU विकसित करने का लक्ष्य

AI कौशल विकास

  • पाँच राष्ट्रीय AI कौशल केंद्रों के जरिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है
  • NEP 2020 के अंतर्गत AI शिक्षा को सभी स्तरों पर एकीकृत किया गया है

स्वदेशी AI मॉडल

  • भारतजेन नामक पहला सरकारी वित्त पोषित लार्ज लैंग्वेज मॉडल विकसित किया गया है

डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के साथ एकीकरण

  • AI तकनीक को आधार, UPI, और Digilocker जैसी मौजूदा प्रणालियों के साथ जोड़ा जा रहा है

आर्थिक विकास और विनियमन

  • लगभग 80% भारतीय कंपनियां AI को अपनी प्रमुख रणनीतिक प्राथमिकता मानती हैं
  • AI विनियमन ढाँचे को मजबूत किया जा रहा है

वैश्विक नेतृत्व

  • भारत ग्लोबल INDIAai शिखर सम्मेलन 2024 और पेरिस AI शिखर सम्मेलन 2025 जैसी पहलों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर AI नियामक ढांचे को आकार दे रहा है

निष्कर्ष

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव और मशीन के बीच के अंतर को पाटने का प्रयास करती है, जिससे मशीनें इंसानों की तरह सोचने, सीखने और समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो सकें। इसका विकास 1950 के दशक में शुरू हुआ और अब यह हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग, कृषि और अन्य कई क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोग हमारे जीवन को सरल और अधिक कुशल बना रहे हैं।

हालांकि, AI के विकास के साथ कई चुनौतियां और चिंताएं भी सामने आ रही हैं, जैसे गोपनीयता के मुद्दे, सुरक्षा संबंधी खतरे, रोजगार पर प्रभाव और नैतिक प्रश्न। इन चुनौतियों का समाधान करते हुए AI को विकसित करना महत्वपूर्ण है।

भारत में भी AI के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है और सरकारी पहलों के साथ-साथ निजी क्षेत्र भी इसमें अपना योगदान दे रहा है। भविष्य में AI न केवल हमारे कार्यों को सरल बनाएगा बल्कि नए अवसर और नवीन समाधान भी प्रदान करेगा।

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